लोगों की राय

आलोचना >> दादू जीवन दर्शन

दादू जीवन दर्शन

बलदेव वंशी

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 14423
आईएसबीएन :978-93-5072-024

Like this Hindi book 0

संत दादू की जीवन कथा

री दादूजी महाराज की वाणी काव्यमयी है। अतः महाराज की वाणी काव्य है। श्री दादूजी महाराज और कबीरजी में प्रकृति भेद के कारण दोनों के व्यक्तित्व में स्वभावतः भेद आ गया है। वैसे उनके विचारों और सिद्धांतों में कोई भेद नहीं है। दोनों ही संत ज्ञानाश्रयी धारा के अग्रणी संत हैं। दोनों का मार्ग भक्तिमार्ग है। दोनों ने ही जहां हिन्दु और मुसलमानी मजहबों की आलोचना की है वहीं दोनों ने भारतीय दार्शनिकों आक्र भक्तों के विचारों को स्वीकार किया है। हम पहले ही कह चुके हैं कि यद्यपि श्री महाराज ने अपनी वाणी में बार-बार भक्तों और संतों के नामों का आदरपूर्वक स्मरण किया है, उनकी वाणी में गोरखनाथ, नामदेव, कबीर, पीपा, रैदास आदि के नाम बार-बार आये हैं; किन्तु उनकी श्रद्धा कबीर में अधिक हैः- सांचा शब्द कबीर का, मीठा लागे मोय। दादू सुनतां परम सुख, केता आनन्द होय।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai